इजराइल और यूएई के बीच समझौता!
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक समझौते की घोषणा की है। हालांकि यह कोई नई बात नहीं है। सच्चाई यह है कि यूएई ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र और अंतरिक्ष अभियान जैसे कुछ फायदों के बदले बहुत पहले अपने ज़मीर का सौदा कर लिया था,
अब उस सौदे की जनता के सामने अधिकारिक घोषणा की गई है। हालांकि, अरब देशों के तानाशाह चाहे जो समझौता कर लें लेकिन मुस्लिम दुनिया का नज़रिया नहीं बदल सकते।
मुस्लमानों के बीच इजराइल पहले की तरह आज भी एक ऐसे लिटमस पेपर की हैसियत रखता है जिससे हक़ व बातिल के बीच आसानी से फर्क़ किया जा सकता है। इजराइल के साथ संबंध रखने वाले कभी मुसलमानों के हितैषी हो ही नहीं सकते। यह हक़ीक़त कभी तब्दील नहीं हो सकती कि इजराइल एक नाजायज़ रियासत है जो मुसलमानों की लाशों,
उनके घरों और ज़मीनों पर खड़ी है। फिलिस्तीन से उजड़े लाखों मुसलमान आज भी बेघर हैं और इजराइल आज भी मुसलमानों के खिलाफ हालते-जंग में है। उसके साथ ताल्लुक़ात और इत्तेहाद का मतलब फलस्तीनियों के साथ धोखा और उम्मत के खिलाफ बगावत है।
Uae sppurt islaeil
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