“किसान है तो जहान है”
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किसान है तो जहान है
ये बंजर जमी का प्राण है
जो हमें जीवन दे उसपे सर बलिदान है
किसान है तो जहान है।
दिल ही तो है दर्द से भर आये क्यू
रोयेंगे हम कोई हमें सताये क्यू
अपनी खेतों को देख जीते हम इंसान है
किसान है तो जहान है।
आँखें नम है दिलों में शोले
सरकार क्यों दागे आँसुओं के गोले
किसानों के गौरव गाथा चीर महान है
किसान है तो जहान है।
काम जो अच्छा कारलो आप आज की तारीख में
देश बढ़ेगा किसानों की ही फूलवारी में
छोड़ अहँकार ढूंढ नए कानून में समाधान है
किसान है तो जहान है।
किसानों की आह जो दिल से निकल जाएगी
नासमझ तू बेजुबाँ ही रह जाएगी
पूरा देश तेरी आहत से परेशान है
किसान है तो जहान है।
अन्नदाता जनन्दता, प्राणदाता को सम्मान है
हमारे पूण्यभूमि को तन मन से प्रणाम है
यू ही नहीं जग में जनक महान है
किसान है तो जहान है।
पंकज पिंकु’ झिल्लीपारा
आजमनगर, कटिहार!
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